ब्रहमांड का भविष्य
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बिंग बैंग सिद्धांत के अनुसार यह ब्रहमांड विस्तारित हो रहा है और यह अरबो वर्षो से फैलता ही जा रहा है। गैलेक्सी परस्पर दूर होती जा रही है, जो गैलेक्सी हमसे जितनी अधिक दूर है उसका हमसे दूर होने का वेग उतना ही अधिक हैं।
ब्रह्मांड का यह फैलाव डार्क ऊर्जा के कारण होता है। यदि डार्क एनर्जी हमेशा प्रभावी रहती है, तो ब्रह्मांड हमेशा फैलता रहेगा। समय के साथ, सभी गैलेक्सिया एक-दूसरे से दूर हो जाएगी, और ब्रह्मांड बहुत ठंडा और अंधकारमय हो जाएगा। इसे "हीट डेथ" या "Big Freeze" कहा जाता है।
अगर डार्क एनर्जी का प्रभाव समय के साथ अनवरत जारी रहा है, तो यह ब्रह्मांड की सभी संरचनाओ (गैलेक्सी, तारे, यहां तक कि परमाणु) को अलग थलग कर देगी। इसे "Big Rip" कहते है।
परंतु यदि डार्क एनर्जी कमजोर पड़ जाए और गुरुत्वाकर्षण बल प्रभावी हो जाए, तो ब्रह्मांड का विस्तार रुक सकता है और यह सिकुड़ने लगेगा। अंततः, यह अपने मूल गोले मे समाहित हो सकता है, जिसे "Big Crunch" कहते है। इसके बाद पुन: वही बिगबैंग की महाविस्फोट परिघटना और विस्तार और संकुचन।
इसके विपरीत यदि
यदि डार्क एनर्जी और गुरुत्वाकर्षण प्रभाव संतुलन मे आ जाए, तो ब्रह्मांड स्थिर हो सकता है। हालाकि, यह संभावना बहुत कम मानी जाती है।
यदि डार्क एनर्जी और गुरुत्वाकर्षण प्रभाव संतुलन मे आ जाए, तो ब्रह्मांड स्थिर हो सकता है। हालाकि, यह संभावना बहुत कम मानी जाती है।
कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड (CMB) और डार्क एनर्जी के अध्ययन से यह संकेत मिलता है कि ब्रह्मांड अनिश्चितकाल तक फैलता रहेगा। डार्क एनर्जी का प्रभाव प्रमुख होने की संभावना है, जिससे "Big Freeze" सबसे संभावित परिदृश्य लगता है।
ब्रह्मांड के भविष्य को ले कर अभी भी शोध जारी है, और नई खोजे इसे और स्पष्ट कर सकती है।