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Showing posts from December, 2024
क्या हमारा ब्रह्माण्ड पूर्णतः व्यवस्थित है ?  तथ्य-विवेचना भाग 3...  क्वान्टम भौतिकी के कुछ तथ्य आधुनिक भौतिकी में क्वान्टम भौतिकी एक प्रमाणित और प्रतिष्ठित शाखा है। यह अत्यन्त छोटे कणों के व्यवहार को दिखाने के लिए एक बहुत उपयुक्त शाखा है। वस्तुतः बड़े स्तर पर सापेक्षता का सिद्धान्त और छोटे स्तर पर क्वान्टम भौतिकी 'क्लासिकल फिजिक्स' के बाद भौतिकी के दो आधार स्तम्भ हैं। बिना क्वान्टम फिजिक्स के हम कण भौतिकी में आगे नहीं बढ़ सकते हैं। भौतिकी की यह शाखा अनेक ऐसी बातों को बताती है जो हमारी सामान्य बुद्धि और हमारे रोजमर्रा के अनुभवों से परे होने के कारण अत्यन्त आश्चर्यजनक हैं लेकिन जो प्रमाणित रूप से सत्य हैं।  क्वान्टम भौतिकी हमें अनेक गुणों के क्वान्टीकरण के बारे में बताती है। उदाहरण के लिए यह बताती है कि ऊर्जा, समय, संवेग और कोणीय संवेग जैसी अनेक चीजें निरन्तर नहीं वरन् छोटे-छोटे पैकेटों - क्वान्टा - में बंटी होती हैं। यह हमें 'Wave-particle Duality' के बारे में बताती है। इसका अर्थ है कि कोई भी गतिशील कण एक साथ एक तरंग और कण - दोनों - क...
क्या हमारा ब्रह्माण्ड पूर्णतः व्यवस्थित है ?   तथ्य-विवेचना भाग 2...  ऊष्मागतिकी का द्वितीय नियम (Second Law of Thermodynamics) इस श्रृंखला की इस दूसरी कड़ी में मेरे कृपालु, बुद्धिमान, विद्वान और बहुअंगीय विचारधारा से युक्त पाठकों और मित्रों का स्वागत है। आगे बढ़ने से पहले मैं यह कहना चाहता हूं कि अभी मैं केवल वैज्ञानिक तथ्य प्रस्तुत कर रहा हूं। इनसे प्राप्त अपने निष्कर्षों पर मैं इस श्रृंखला की अंतिम कड़ी/कड़ियों में जाऊंगा। कृपया अभी से मेरी ओर से अपने निष्कर्षों को न निकालें। हां, पाठक इन तथ्यों पर अपनी ओर से विचार अवश्य प्रस्तुत करें - मैं उनका आभारी होऊंगा। एक अन्य बात मैं यह कहना चाहता हूं कि निश्चितता और अनिश्चितता और व्यवस्था और अव्यवस्था से सम्बन्धित मेरे इन विचारों, मेरे इस वैज्ञानिक और सामाजिक विश्लेषण, का समाज की सोच की दिशा निर्धारित करने में महत्व है। हमारे समाज में अनेक धारणाएं ऐसी हैं, अनेक धार्मिक और पांथिक मतों की धारणाएं ऐसी हैं, जिन पर गंभीरता-पूर्वक विचार होना चाहिए, जिनको तथ्यों के प्रकाश में देखा जाना चाहिए। मेरा इस विषय पर यह विच...
क्या हमारा ब्रह्माण्ड पूर्णतः व्यवस्थित है ?  तथ्य-विवेचना भाग 1...  एक विचार, एक प्रश्न इस लेख का उद्देश्य एक विचार की, एक मान्यता की, तथ्यात्मक और वैज्ञानिक विवेचना करना है। इस विवेचना का उद्देश्य शैक्षणिक या वैचारिक है। बहुत समय से दार्शनिक और वैज्ञानिक विभिन्न विचारों की विवेचना करते आए हैं - यह भी वैसा ही एक प्रयास है। पढ़ने में सुविधा की दृष्टि से मैं अपने इस लेख को कुछ भागों में बांट कर यहां दूंगा।  विदेशी दर्शनों के विषय में मुझे ज्ञान नहीं है लेकिन मेरे ज्ञान के अनुसार प्राचीन भारतीय दर्शन में एक मान्यता है कि हमारा ब्रह्माण्ड पूर्ण रूप से व्यवस्थित है। यहां हर कार्य समुचित रूप से और निर्धारित नियमों के अनुसार होता है, यहां कोई अनियमितता नहीं होती है, यहां कोई कमी नहीं है। यह कहा जाता है कि हमारे शरीर जैसा जटिल यंत्र पूरी तरह पूर्ण है - इसमें कोई कमी नहीं है। इस आधार पर यह कहा जाता है कि हमारे ब्रह्माण्ड जैसी पूर्ण व्यवस्थित चीज कोई सोचने-समझने वाली शक्ति ही बना सकती है। कोई बुद्धिमान व्यवस्थापक ही इतनी त्रुटिहीन और पूर्ण व्यवस्था उत्पन्न कर सकता है।...

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हम, हमारी आकाशगंगा और ब्रम्हाण्ड -  हमारी आकाशगंगा का अध्ययन करने पर इस आकाशगंगा की ही कगार पर एक छोटे से बिंदु जैसा चमकता सितारा है, जो मिल्की वे के केंद्र के चारो ओर लगभग 200 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से चक्कर लगा रहा है,' इस नन्ही सी चमकती गेंद के चारो ओर इससे भी बहुत अधिक छोटी नौ और गेंदें चक्कर लगा रही है जिनकी अपनी कोई रोशनी नही है, यह नन्ही चमकती गेंद ही हमारा सूर्य है और इससे बहुत-बहुत छोटी नौ गेंदे हमारे सौर मंडल के नौ ग्रह है, इसके अलावा यहाँ बहुत सी बड़ी और छोटी चट्टाने, पत्थर, धूल के कण और गैस भी है, इन नौ नन्ही गेंदो मे से एक गेंद का रंग 'हरा-नीला' है, इसके ऊपर वायुमंडल की पतली सी चादर है, यहाँ पानी है, बहुत सारा पानी, समंदरो मे, नदियो मे, झीलो मे, ताल तलैयो मे, हिमनदो मे और मिट्टी तथा चट्टानो की परतों मे, इसकी सतह पर समुद्र भी है और सख़्त भूमि भी, और गर्भ मे उबलता हुआ गर्म लावा भी, अभी तक की जानकारी के हिसाब से दूर तक फैले हुए ब्रह्मांड मे बस यही अद्भुत नन्ही सी गेंद है जिस पर जीवन है - हज़ारो शक्लो मे ढला हुआ जीवन, और यही जीवन ढला है मानव के शरीर मे, और इस...

Studying Physics

#StudyingPhysics For Undergraduate Physics - How to effectively study by watching what works and what doesn’t work. More about how we learn. This document outlines some of the things that I have learned. Some of what appears below is applicable to studying subjects other than Physics, both in the sciences and in other disciplines, although I will concentrate on Physics. Of course, the best way to do as well as possible on the tests and exam requires knowing the material on which you are being tested. Later in this document we will discuss some further ideas about how to do well on the tests and exam. It turns out that a fair amount of data has been collected that destroys some common myths about effective studying that you may have heard. Below I will identify some of these incorrect ideas. General Principles Physics involves only a few powerful concepts. Once you fully understand those concepts, applying them to answer questions about a physical situation or solve a problem is e...
आधुनिक विज्ञान के अनुसार किसी शरीर की मृत्यु हो जाने पर उसे जलाने पर, या किसी जीवित शरीर को जलाने पर, उस शरीर के कार्बनिक और अकार्बनिक पदार्थों की वातावरण की ऑक्सीजन से क्रिया हो कर निम्न चीजे बनती है और शेष रह जाती है... गैसे - कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, जलवाष्प, मीथेन, नाइट्रस डाइ ऑक्साइड, नाइट्रोजन मोनो ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, वोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड्स - जैसे एल्डिहाइड्स, कीटोन्स और दूसरे हाइड्रोकार्बन्स। द्रव और गैस - बॉडी फैट्स और ऑइल्स ठोस - राख - कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन के कंपाउंड्स। चार - बचा हुआ कार्बन जहरीले पदार्थ - डायोक्सिन्स, फ्यूरान्स, हैवी मेटल्स आदि लकड़ी की चिता मे जलाने पर कुछ अधिक पदार्थ मिलते है और इलेक्ट्रिक भट्टी मे जलाने पर कम। यदि बिजली की भट्टी मे जलाते समय हम ऑक्सीजन बहुत कम रखेगे तो बचने वाले पदार्थो मे अंतर आ जाएगा। विभिन्न शरीरो को जलाने पर मिलने वाले पदार्थो मे अंतर होता है, जैसे शरीर की कोशिका, बैक्टीरिया, वायरस, प्रोटेजोएन्स, डीएनए, आरएनए आदि को जलाने पर हड्डियो और मांस-मज्जा के बने शरीर से कुछ अंतर रखते हुए पदार्थ मिलेगे। एक ज...
Highest and the lowest points on Earth's surface : Asia is home to both the highest and the lowest points on Earth's surface. Mount Everest, at 8,848 meters (29,029 feet), is the highest point, located on the border between Nepal and China. In contrast, the Dead Sea, at over 430 meters (1,411 feet) below sea level, is the lowest point on the planet, situated between Jordan and Israel.

PHYSICS

विज्ञान   किसी विषय वस्तु की सही एवं क्रमबद्ध तरीके से प्राप्त किए गए ज्ञान को विज्ञान कहते हैं अब यहां पर एक शब्द आता है ज्ञान ,ज्ञान क्या होता है ज्ञान और विज्ञान में अंतर क्या होता है तो आइए इसके बारे में जानते हैं ज्ञान सत्य की अनुभव को ज्ञान कहते हैं तथा सत्य की खोज को विज्ञान कहते हैं जैसे आपने जलता हुआ बल्ब देखा होगा तो उसकी खोज हुई है पंखा ,तो पंखा चलता है उसकी खोज हुई है लेकिन जो उससे हवा निकलता है बल्ब से जो रोशनी निकलती है उसको हम लोग अनुभव करते हैं तो वह क्या हुआ ज्ञान हुआ और जिसकी खोज हुई है वह विज्ञान हुआ  जैसे आप लोग सुने होंगे गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी यानी उनको ज्ञान का अनुभव हुआ था सत्य का अनुभव हुआ था उसे हम लोग ज्ञान कहते हैं यानी कि साधारण भाषा में कहें तो सत्य की खोज को विज्ञान तथा सत्य की अनुभव को ज्ञान कहते है   विज्ञान की परिभाषा क्या है     ? विज्ञान शब्द वि + ज्ञान शब्द से बना है , जिसका अर्थ विशिष्ट ज्ञान से है। वास्तव में प्राकृतिक घटनाओ का अध्ययन करना तथा उसमे आपस मे सम्बन्...